रोज़ आ जाते हो
बिना इत्तेला दिए
ख्वाबों में.....
कोई देख लेगा तो
हम क्या जवाब देंगे...
खुश रहना हो... तो... अपनी फितरत में...., एक बात शुमार कर लो..!
*ना मिले कोई अपने जैसा...., तो खुद से प्यार कर लो..*
*पागलपन की हद से न गुजरे तो प्यार कैसा*
*होश में तो रिश्ते निभाए जाते हैं साहेब*