मंगलवार, 29 सितंबर 2015

जब लगा था "तीर" तब इतना "दर्द" न हुआ ग़ालिब...

जब लगा था "तीर" तब इतना "दर्द" न हुआ ग़ालिब...
"ज़ख्म" का एहसास तब हुआ जब "कमान" देखी
अपनों के हाथ में...

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