मंगलवार, 20 सितंबर 2016

नेकी का लिबास

तेरी नेकी का लिबास ही
तेरा बदन ढकेगा ऐ बंदे...

सुना है ऊपर वाले के घर..
कपडो की दुकान नहीं होती..

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें