'मयूरी सी भरी पूरी
सुनहरी लग रही हो तुम
कोई शिल्पी तराशे वो
परी सी फब रही हो तुम ।
तुम्हारे रूप का जादू ये
सिर पर चढ़ गया मेरे
मुझे तन्हा अकेला छोड
कर क्यू जा रही हो तुम ।।
उर्दू मेंशायर शायरी, गम की शायरी, जुदाई की शायरी, प्यार में बेवफाई की शायरी, बेवफा सनम , मोहब्बत की शायरी, दर्द भरी शायरी, गर्लफ्रेंड पर शायरी, तारीफ में शायरी
शनिवार, 3 अक्टूबर 2015
क्यू जा रही हो तुम
शुक्रवार, 2 अक्टूबर 2015
मयखाना
मयखाने में बैठकर कौन कितनी पी गया,
ये तो मयखाना ही जाने,
मगर मयखाना कितने घरों को पी गया,
ये खुद मयखाना भी ना जाने।
दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए!
प्यास लगी थी गजब की...मगर पानी मे जहर था...
पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते...
बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए!!!
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए!!!
वक़्त ने कहा.....काश थोड़ा और सब्र होता!!!
सब्र ने कहा....काश थोड़ा और वक़्त होता!!!
सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब...।। आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर।।
"हुनर" सड़कों पर तमाशा करता है और "किस्मत" महलों में राज करती है!!
"शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,
पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने,
वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता"...
गुरुवार, 1 अक्टूबर 2015
Dost banaoge kisi
Dost banaoge kisi ko to wo jindgi bhar sath nibhayega
Aur agar usi se pyar kar baithe to
wo beech raah m aapko chhod jayega
तूं काली ना होती तो
एक बार इंसान ने कोयल से कहा
"तूं काली ना होती तो
कितनी अच्छी होती"
सागर से कहा:-
"तेरा पानी खारा ना होता तो
कितना अच्छा होता"
गुलाब से कहा:-
"तुझमें काँटे ना होते तो
कितना अच्छा होता"
तब तीनों एक साथ बोले:-
"हे इंसान अगर तुझमें
दुसरो की कमियाँ देखने की आदत
ना होती तो तूं कितना अच्छा होता....
Dost hai mera bahaaron jaisa,
Dost hai mera bahaaron jaisa,
Dil hai uska dildaaron jaisa.
Bohat dost nahi rakhte hum magar,
Mera ek hi dost hai hazaaron jaisa.
Khushiyoon ka sansar leke aayenge,
Patjhar men bhi bahaar ley ke aayenge.
Jab bhi pukaaroge pyaar se humein aey DOST,
Maut se saansein udhaar leke aayenge.
जिन्दगी की दॊड मे
जिन्दगी की दॊड में
मुझे गिरा कर भागने वाले
मुझसे जीत का एक पल तो
छीन सकते हैं
लेकिन
जीत का हॊसला नहीं।
डर मुझे भी लगा
फांसला देख कर,
पर मैं बढ़ता गया
रास्ता देख कर,
खुद ब खुद
मेरे नज़दीक आती गई
मेरी मंज़िल
मेरा हौंसला देख कर.!
सुप्रभात