तुम्हारा सिर्फ हवाओं पे शक गया होगा
चिराग़ खुद भी तो जल जल के थक गया होगा
उर्दू मेंशायर शायरी, गम की शायरी, जुदाई की शायरी, प्यार में बेवफाई की शायरी, बेवफा सनम , मोहब्बत की शायरी, दर्द भरी शायरी, गर्लफ्रेंड पर शायरी, तारीफ में शायरी
तुम्हारा सिर्फ हवाओं पे शक गया होगा
चिराग़ खुद भी तो जल जल के थक गया होगा
जो झुकते हैं ज़िन्दगी में वो बुज़दिल नही होते..यह हुनर होता हैं उनका हर रिश्ता निभाने का..!!
"...फरेबी भी हूँ..., ज़िद्दी भी हूँ..., और पत्थर दिल भी हूँ...., ....मासूमियत खो दी है मैंने...., वफ़ा करते-करते...
लूट लेते हैं अपने ही,
वरना गैरों को क्या पता इस दिल की दीवार कमजोर कहाँ से है
जी रहा हूं अभी..तेरी शर्तों के मुताबिक ज़िन्दगी..
दौर आएगा कभी तो..मेरी फरमाइशों का भी..!!
"जाने कब-कब किस-किस ने कैसे-कैसे तरसाया मुझे, तन्हाईयों की बात न पूछो महफ़िलों ने भी बहुत रुलाया मुझे"
उलझनों और कश्मकश में,
उम्मीद की ढाल लिए बैठा हूँ।
ए जिंदगी! तेरी हर चाल के लिए,
मैं दो चाल लिए बैठा हूँ |
लुत्फ़ उठा रहा हूँ मैं भी आँख - मिचोली का।
मिलेगी कामयाबी, हौसला कमाल का लिए बैठा हूँ l
चल मान लिया, दो-चार दिन नहीं मेरे मुताबिक़।
गिरेबान में अपने, ये सुनहरा साल लिए बैठा हूँ l
ये गहराइयां, ये लहरें, ये तूफां, तुम्हे मुबारक।
मुझे क्या फ़िक्र, मैं कश्तीया और दोस्त बेमिसाल लिए बैठा हूँ।