बुधवार, 24 अगस्त 2016

सपना

मत सोच कि तेरा
सपना क्यों पूरा नही होता
    हिम्मत वालो का इरादा
        कभी अधूरा नही होता
जिस इंसान के कर्म
      अच्छे होते हैं
उसके जीवन में कभी
     अंधेरा नही होता
    

आखरी ठिकाना कहाँ हैं

गरीबी से उठा हूँ, गरीबी का दर्द जानता हूँ।
आसमाँ से ज्यादा, जमीं को जानता हूँ।

लचीला पेड़ था जो झेल गया आँधिया।
मैं मगरूर दरख्तों का हश्र जानता हूँ।

जमीं से उपर उठना आसान नहीं होता।
जिंदगी में कितना जरूरी हैं सब्र, जानता हूँ।

मेहनत बढ़ी तो किस्मत भी बढ़ चली।
छालों में छिपी लकीरों का असर जानता हूँ।

कुछ पाया पर अपना कुछ नहीं माना, क्योंकि
आखरी ठिकाना कहाँ हैं, सब जानता हूँ।।
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भाड़ में जा

हम गए थे उनको मनाने के लिए...
वो खफा अच्छे लगे तो हमने खफा ही रहने दिया
भावार्थ - कविता की इस पन्क्ति में कवि कह रहा है -
"भाड़ में जा"

मधुशाला : बिहार संस्करण

मधुशाला : बिहार संस्करण

पटना, छपरा, दरभंगा तक
सूख गया रस का प्याला।।।

हाजीपुर के केले,
पुल पर बेच रही मधुबाला।।।

घर-घर जाकर सूँघ रही है,
मित्र पुलिस अधरों का प्याला।।।

सुनिये बच्चन

मेल कराती थी पहले, अब
जेल कराती मधुशाला।।।

शनिवार, 20 अगस्त 2016

मान  बढ़ातीं   बेटिया

नाम  कमातीं  बेटियां
मान  बढ़ातीं   बेटियां
साक्षी और  सिंधु बन
धूम  मचातीं  बेटियां
राष्ट्र के माथे पर टीका
तिलक सजातीं बेटियां
वर्जना के पहाड़ तोड़
तिरंगा लहरातीं बेटियां
हम बेटों से कम कहाँ
करके दिखातीं बेटियां
विश्वास  के दीपक में
कर्म की बाती बेटियां...!!

सोमवार, 15 अगस्त 2016

दिल मिलाने को

बशीर बद्र

खुद को इतना भी मत बचाया कर,
बारिशें हो तो भीग जाया कर।

चाँद लाकर कोई नहीं देगा,
अपने चेहरे से जगमगाया कर।

दर्द हीरा है, दर्द मोती है,
दर्द आँखों से मत बहाया कर।

काम ले कुछ हसीन होंठो से,
बातों-बातों मे मुस्कुराया कर।

धूप मायूस लौट जाती है,
छत पे किसी बहाने आया कर।

कौन कहता है दिल मिलाने को,
कम-से-कम हाथ तो मिलाया कर।

रविवार, 14 अगस्त 2016

भारत माता की जय।

"परी हो तुम गुजरात की, रूप तेरा मद्रासी !

सुन्दरता कश्मीर की तुम में, सिक्किम जैसा शर्माती !!
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खान-पान पंजाबी जैसा, बंगाली जैसी बोली !

केरल जैसी आंख तुम्हारी, है दिल तो तुम्हारा दिल्ली !!

महाराष्ट्र तुम्हारा फ़ैशन है, तो गोवा नया जमाना !

खुशबू हो तुम कर्नाटक की, बल तो तेरा हरियाणा !!

सीधी-सादी उड़ीसा जैसी, एम.पी. जैसा मुस्काना !

दुल्हन तुम राजस्थानी जैसी, त्रिपुरा जैसा इठलाना !!

झारखंड तुम्हारा आभूषण, तो मेघालय तुम्हारी बिन्दीया है !

सीना तुम्हारा यू.पी है तो, हिमाचल तुम्हारी निन्दिया है !!

कानों का कुंडल छत्तीसगढ़, तो मिज़ोरम तुम्हारी पायल है

बिहार गले का हार तुम्हारा,
तो आसाम तुम्हारा आंचल है !!

नागालैंड- आन्ध्र दो हाथ तुम्हारे, तो ज़ुल्फ़ तुम्हारा अरुणाचल है !

नाम तुम्हारा भारत माता,
तो पवित्र तुम्हारा उत्तरांचल है !!

सागर है परिधान तुम्हारा,
तिल जैसे है दमन-द्वीव !

मोहित हो जाता है सारा जग,
रहती हो तुम कितनी सजीव !!

अंडमान और निकोबार द्वीप,
पुष्पों का गुच्छ तेरे बालों में !

झिल-मिल, झिल-मिल से लक्षद्वीप, जो चमक रहे तेरे गालों में !!

ताज तुम्हारा हिमालय है,
तो गंगा पखारती चरण तेरे !

कोटि-कोटि हम भारत वासियों का,

स्वीकारो तुम नमन मेरे !!
जय हो।

भारत माता की जय।