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मंगलवार, 15 सितंबर 2015

रूठों को मनाना आता है मुझे

रूठों को मनाना आता है मुझे

हर बात को छुपाना आता है तुमको , 

रूठों को मनाना आता है मुझे, 

रूठे हो तुम ना जाने किस बात पर मुझसे, 

तो फिर वो बात क्यों नहीं बताते हो तुम मुझसे ?.


शानदार शायरी ,गम की शायरी, तड़प , जुदाई , हुस्न की शायरी