मैंने लिखना शुरू किया
की तुम क्या क्या हो
चाँद हो , ...नज़्म हो , ...छाँव हो
आइना हो
पता है
सबसे सुंदर क्या लिखा मैंने ?
"तुम"- बस तुम मेरी हो
उर्दू मेंशायर शायरी, गम की शायरी, जुदाई की शायरी, प्यार में बेवफाई की शायरी, बेवफा सनम , मोहब्बत की शायरी, दर्द भरी शायरी, गर्लफ्रेंड पर शायरी, तारीफ में शायरी
मैंने लिखना शुरू किया
की तुम क्या क्या हो
चाँद हो , ...नज़्म हो , ...छाँव हो
आइना हो
पता है
सबसे सुंदर क्या लिखा मैंने ?
"तुम"- बस तुम मेरी हो
अमीर का *कौआ* भी हो तो सबको " मोर" लगता है...
गरीब जब *भूखा* होता है तो सबको *चोर*लगता है...
हथेली पर रख कर नसीब हर शख्स
मुकद्दर ढूंढता है...
सीखो उस समुन्दर से जो टकराने लिए पत्थर ढूंढता है....!!
मत सोच कि तेरा
सपना क्यों पूरा नही होता
हिम्मत वालो का इरादा
कभी अधूरा नही होता
जिस इंसान के कर्म
अच्छे होते हैं
उसके जीवन में कभी
अंधेरा नही होता
गरीबी से उठा हूँ, गरीबी का दर्द जानता हूँ।
आसमाँ से ज्यादा, जमीं को जानता हूँ।
लचीला पेड़ था जो झेल गया आँधिया।
मैं मगरूर दरख्तों का हश्र जानता हूँ।
जमीं से उपर उठना आसान नहीं होता।
जिंदगी में कितना जरूरी हैं सब्र, जानता हूँ।
मेहनत बढ़ी तो किस्मत भी बढ़ चली।
छालों में छिपी लकीरों का असर जानता हूँ।
कुछ पाया पर अपना कुछ नहीं माना, क्योंकि
आखरी ठिकाना कहाँ हैं, सब जानता हूँ।।
〰〰〰〰〰〰
हम गए थे उनको मनाने के लिए...
वो खफा अच्छे लगे तो हमने खफा ही रहने दिया
भावार्थ - कविता की इस पन्क्ति में कवि कह रहा है -
"भाड़ में जा"
मधुशाला : बिहार संस्करण
पटना, छपरा, दरभंगा तक
सूख गया रस का प्याला।।।
हाजीपुर के केले,
पुल पर बेच रही मधुबाला।।।
घर-घर जाकर सूँघ रही है,
मित्र पुलिस अधरों का प्याला।।।
सुनिये बच्चन
मेल कराती थी पहले, अब
जेल कराती मधुशाला।।।
नाम कमातीं बेटियां
मान बढ़ातीं बेटियां
साक्षी और सिंधु बन
धूम मचातीं बेटियां
राष्ट्र के माथे पर टीका
तिलक सजातीं बेटियां
वर्जना के पहाड़ तोड़
तिरंगा लहरातीं बेटियां
हम बेटों से कम कहाँ
करके दिखातीं बेटियां
विश्वास के दीपक में
कर्म की बाती बेटियां...!!