मंगलवार, 20 सितंबर 2016

नेकी का लिबास

तेरी नेकी का लिबास ही
तेरा बदन ढकेगा ऐ बंदे...

सुना है ऊपर वाले के घर..
कपडो की दुकान नहीं होती..

रविवार, 11 सितंबर 2016

अच्छाइया

मैं बड़ो कि इज़्जत इसलिए करता हूँ, क्यूंकि उनकी अच्छाइया मुझसे ज़्यादा है...
और छोटो से प्यार इसलिए करता हूँ क्यूंकि उनके गुनाह मुझसे कम

ताल्लुकात

ताल्लुकात बढ़ाने हैं तो
कुछ आदतें बुरी भी सीख ले गालिब

ऐब न हों.
तो लोग महफ़िलों में भी नहीं बुलाते.

वफा

हम ना रहें भी तो हमारी यादें वफा करेंगी तुम से,
ये ना समजना की तुम्हें चाहा था बस दो दिन के लिए !!

शुक्रवार, 2 सितंबर 2016

नज़्म

मैंने लिखना शुरू किया
की तुम क्या क्या हो

चाँद हो , ...नज़्म हो , ...छाँव हो
आइना हो
पता है

सबसे सुंदर क्या लिखा मैंने ?

"तुम"- बस तुम मेरी  हो

सोमवार, 29 अगस्त 2016

अमीर का कौआ

अमीर का *कौआ* भी हो तो सबको " मोर" लगता है...

गरीब जब *भूखा* होता है तो सबको *चोर*लगता है...

हथेली पर रख कर नसीब हर शख्स
मुकद्दर ढूंढता है...

सीखो उस समुन्दर से जो टकराने लिए पत्थर ढूंढता है....!!

बुधवार, 24 अगस्त 2016

सपना

मत सोच कि तेरा
सपना क्यों पूरा नही होता
    हिम्मत वालो का इरादा
        कभी अधूरा नही होता
जिस इंसान के कर्म
      अच्छे होते हैं
उसके जीवन में कभी
     अंधेरा नही होता