सोमवार, 5 अक्तूबर 2015

पीठ पर जो जख्म है

मेरे पीठ पर जो जख्म है वो अपनों की निशानी हैं,
वरना सीना तो आज भी दुश्मनो के इंतजार मे बैठा है…

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