मंगलवार, 13 अक्तूबर 2015

मुझें, मंजूर थे वक़्त के सब सितम,

मुझें, मंजूर थे
वक़्त के सब सितम, मगर...
तुमसे मिलकर, बिछड़ जाना..
ये सजा
ज़रा ज्यादा हो गयी..!

1 टिप्पणी:

  1. ऊंचे उद्देश्य का निर्धारण करने वाला ही उज्ज्वल भविष्य को देखता है।
    ऊँचे सिद्धान्तों को अपने जीवन में धारण करने की हिम्मत का नाम है – अध्यात्म।
    ऊँचे उठो, प्रसुप्त को जगाओं, जो महान है उसका अवलम्बन करो ओर आगे बढ़ो।
    ऊद्यम ही सफलता की कुंजी है।
    ऊपर की ओर चढ़ना कभी भी दूसरों को पैर के नीचे दबाकर नहीं किया जा सकता वरना ऐसी सफलता भूत बनकर आपका भविष्य बिगाड़ देगी।

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