किसी रोज़ याद न कर पाऊँ तो
खुदग़रज़ ना समझ लेना दोस्तों
दरअसल छोटी सी इस उम्र
मैं परेशानियां बहुत हैं...!!
मैं भूला नहीं हूँ किसी को....
मेरे बहुत कम दोस्त है ज़माने में ....
बस थोड़ी जिंदगी उलझी पड़ी है,
दो वक़्त की रोटी कमाने में........
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें