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गुरुवार, 8 अक्टूबर 2015
सुखी रोटी
मगन था मै...
सब्ज़ी में नुक़्स निकालने मे...!!
और कोई खुदा से....
सुखी रोटी देने का शुक्र मना रहा था...!!
ज़रा सोचिए।।
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