शुक्रवार, 16 अक्तूबर 2015

जो लम्हा साथ हैं,,

जो लम्हा साथ हैं,,,
उसे जी भर के जी लेना..!
कम्बख्त ये जिंदगी. . .
भरोसे के काबिल नहीं होती.....

लम्हे बेचकर, पैसे तो आ गये ..
अब बताओ...
किस दुकान पे ख़ुशी मिलेगी...!!

इश्क मुकम्मल कब हुआ है जो आज होगा..
इतिहास गवाह है, किताबो मे भी अधुरा था, हकीकत मे भी अधुरा है..

शौक से बदल जाओ तुम मगर ये जहन मैं रखना की हम जाे बदल गये तो तुम करवटें बदलते रह जाआेगे.

अजब तमाशे है दुनिया में यारों, काैड़ीयाे में इज्जत और करोड़ों में कपड़े बिकते हैं.

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