उर्दू मेंशायर शायरी, गम की शायरी, जुदाई की शायरी, प्यार में बेवफाई की शायरी, बेवफा सनम , मोहब्बत की शायरी, दर्द भरी शायरी, गर्लफ्रेंड पर शायरी, तारीफ में शायरी
मंगलवार, 13 अक्टूबर 2015
सागर का डर भी अब ढलने लगा
सागर का डर भी अब ढलने लगा है,लहरो को मेरा संभलना भी खलने लगा है
हर दिशा मे मेरे चर्चे है क्योंकि,एक दिया तूफ़ान से झगड़कर भी जलने लगा है,
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें